*हाईकोर्ट की सख्ती: उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद में नियुक्ति व करोड़ों की फंडिंग पर उठे सवाल*

 

ब्यूरो न्यूज़ स्वतंत्र डंगरिया

हल्द्वानी/नैनीताल, 12 सितम्बर 2025।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए हल्दी स्थित उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) में निदेशक पद की नियुक्ति और परियोजनाओं के नाम पर करोड़ों की फंडिंग में गड़बड़ी के आरोपों पर चार सप्ताह के भीतर प्रतिवेदन दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

 

यह जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता पियूष जोशी द्वारा दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के पशु चिकित्सा विभाग के प्राध्यापक डॉ. संजय कुमार को बिना प्रासंगिक योग्यता और अनुभव के जैव प्रौद्योगिकी परिषद का अतिरिक्त प्रभार निदेशक बना दिया गया।

 

साथ ही आरोप है कि डॉ. संजय कुमार ने परिषद में चल रही कई परियोजनाओं के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि ऐसी परियोजनाओं में प्राप्त की, जो उनके नाम और प्रभाव से जुड़ी हुई थीं। इससे वित्तीय अनियमितताओं और हितों के टकराव की गंभीर आशंका जताई गई है।

 

माननीय न्यायमूर्ति नरेंद्र जी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर विस्तृत काउंटर एफिडेविट दाखिल करने के निर्देश दिए।

 

इस पूरे घटनाक्रम ने प्रदेश के शिक्षा और अनुसंधान जगत में हलचल मचा दी है। याचिकाकर्ता पियूष जोशी का कहना है—

“यह नियुक्ति न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि परिषद की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करती है।”

 

अब चार सप्ताह बाद होने वाली अगली सुनवाई में सरकार का पक्ष सामने आने के बाद इस प्रकरण की दिशा और गहराई तय होगी।

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