उत्तराखण्ड: आपदा पीड़ितों से पीएम मोदी की मुलाकात बनी राजनीतिक दिखावा!

 

भाजपा समर्थकों को ही पीएम से मिलने दिया, कांग्रेस से जुड़े पीड़ितों को दरकिनार – सवालों के घेरे में सरकार

 

ब्यूरो न्यूज़ स्वतंत्र डंगरिया

 

देहरादून। उत्तराखण्ड में आपदा प्रभावितों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आपदा की मार झेल चुके कई परिवारों ने आरोप लगाया है कि यह मुलाकात वास्तविक पीड़ा सुनने की बजाय राजनीतिक मंच बनकर रह गई।

 

थराली निवासी नरेंद्र सिंह बिष्ट, जिन्होंने हालिया आपदा में अपनी 20 वर्षीय बेटी को खो दिया, प्रधानमंत्री से मिलकर अपना दर्द साझा करना चाहते थे। लेकिन उन्हें मुलाकात का मौका नहीं दिया गया। वजह? नरेंद्र सिंह बिष्ट कांग्रेस से जुड़े हुए हैं।

 

पीड़ितों का आरोप है कि मुलाकात से पहले उनसे कहा गया –

“प्रधानमंत्री के सामने उत्तराखण्ड सरकार की तारीफ करनी होगी।”

जो लोग इस शर्त को मानने को तैयार नहीं हुए, उन्हें सुरक्षा के नाम पर रोक दिया गया।

 

स्थानीय जनता का कहना है कि जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनकी आवाज़ दबाना सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। लोग सवाल उठा रहे हैं –

 

क्या आपदा पीड़ित की पहचान उसकी राजनीतिक सदस्यता से तय होगी?

 

क्या प्रधानमंत्री तक सिर्फ भाजपा समर्थकों की ही आवाज़ पहुंचेगी?

 

क्या आपदा का दर्द भी राजनीति की भेंट चढ़ा दिया जाएगा?

 

 

इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल प्रभावित परिवारों को गहरी चोट पहुंचाई है, बल्कि सरकार की मंशा पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

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